Swati Sharma

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लेखनी प्रतियोगिता -31-Dec-2022 :- बालमन -१

दैनिक प्रतियोगिता:-

बालमन -१ :-

कहते हैं ना- “बच्चे मन के सच्चे |” क्या आप जानते हैं, ऐसा क्यों कहा जाता है? इसी के साथ आपने एक कहावत और सुनी होगी- “बच्चे मिट्टी की तरह होते हैं, उन्हें हम जैसा चाहें वैसा आकार दे सकते हैं |”
इन दोनों ही कहावतों को यदि हम गहराई से मनन करें तो, पाएंगे पहली कहावत में बच्चों के मन को सच्चा इसीलिए कहा जाता है, क्योंकि वे किसी में भेद नहीं कर पाते | भेद किसी भी प्रकार का- जातिवाद, लिंगवाद यहाँ तक कि अच्छा और बुरा भी |
उनका मन सच्चा होता है तभी वे बिना सोचे समझे किसी के भी समक्ष कुछ भी बोल देते हैं | उदहारणतः आपने यदि उनके सामने किसी को बुरा कहा, या उनकी बुराई की या उन्हें गाली दी, तो बच्चे क्या करेंगे ? वे आपकी ये बातें उस व्यक्ति के समक्ष पहुंचा देंगे | अब यदि हम स्वयं में ही सुधार करें एवं किसी के भी विषय में ना बुरा सोचें, ना बुरा बोलें तो, बच्चों के समक्ष भी यह बातें नहीं होंगी | अतः बच्चों के समक्ष नहीं होंगी, तो वे जाकर किसी से भी इस प्रकार की बातें नहीं करेंगे | इस तरह आपका सम्मान हर व्यक्ति की नज़रों में बरकरार रहेगा | अक्सर हमें लगता है कि हम बच्चों के समक्ष तो इस प्रकार की बातें ना करें परन्तु, उनके पीछे से तो कर ही सकते हैं | यदि आप भी ऐसा ही कुछ सोच रहे हैं तो, संभल जाइए | क्योंकि मानव स्वभाव ऐसा ही होता है, कभी ना कभी तो आपके श्रीमुख से वे बातें उनके समक्ष निकलना निश्चित है |
प्रायः हम सभी चाहते हैं कि हमारी संतान संस्कारी, शिक्षित एवं अच्छी इंसान बनें | परन्तु, जब हम ही अच्छे नहीं हैं, हम ही सुधरे हुए नहीं हैं, तो हम हमारे मिट्टी के घड़ों को किस प्रकार अच्छा बनने हेतु प्रोत्साहित कर सकते हैं |
अतः एक बात निश्चित है, बच्चे वह कदापि नहीं करते जो हम उनसे करने को कहते हैं | वे वही निश्चित रूप से करते हैं या बनते हैं जैसा हमें वे करते या कहते हुए देखते हैं | इस प्रकार हमारी दूसरी कहावत भी चरितार्थ होती है; “बच्चे मिट्टी की तरह होते हैं, उन्हें हम जैसा चाहें, वैसा आकार दे सकते हैं |

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10 Comments

Swati Sharma

04-Jan-2023 10:09 PM

Thank you ma'am

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Varsha_Upadhyay

03-Jan-2023 08:32 PM

बेहतरीन

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Swati Sharma

03-Jan-2023 11:22 PM

शुक्रिया मेम

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Sachin dev

01-Jan-2023 06:01 PM

Well done

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Swati Sharma

01-Jan-2023 07:28 PM

Thank you Sir

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